
स्तन कैंसर जागरूकता माह
स्तन कैंसर जागरूकता माह, स्तन कैंसर(Breast Cancer) के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक Global Health Care Event है, जिसे पिछले 37 वर्षों से हर साल अक्टूबर के पूरे महीने में मनाया जाता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान है। विश्व स्तर पर, Breast Cancer महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर है।
विभिन्न वैश्विक और स्थानीय दोनों संगठन , जागरूकता अभियानों और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस दौरान एक साथ आते हैं, जो स्तन कैंसर के शीघ्र निदान, इसके उपचार और बीमारी से बचने के लिए लोगों में जागरूकता और जानकारी बढ़ाते हैं।
स्तन कैंसर जागरूकता माह का महत्व
Importance of Breast Cancer Awareness Month
स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को देखते हुए, अक्टूबर 1985 से राष्ट्रीय स्तन कैंसर फाउंडेशन द्वारा स्तन कैंसर जागरूकता माह का संचालन किया जा रहा है। Breast Cancer Advocacy Organizations से लेकर स्थानीय सामुदायिक संगठनों तक विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल समूहों ने बीमारी की जांच और रोकथाम को बढ़ावा देने के माध्यम से जागरूकता फैलाकर स्तन कैंसर की घटनाओं को कम करने के लिए हर साल एकजुट होकर काम किया है। तभी से अक्टूबर माह को गुलाबी माह भी कहा जाता है ।
पिंक रिबन स्तन कैंसर के सामने बहादुरी और भविष्य के लिए नई उम्मीद का प्रतीक है, जो इस बीमारी से लड़ते हैं।
स्तन कैंसर क्या है ?
What is Breast Cancer?
WHO के अनुसार, स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे बड़ा कैंसर है। स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जीनों में बदलाव के कारण Breast Size में बदलाव होने लगता है और यह असमान रूप से बढ़ने लगती है। आम तौर पर, स्तन के दूध में Lobulation कैंसर बनता है, जो Glands से Nipple तक दूध में पहुंचाता है। कुछ मामलों में कैंसर कोशिकाएं आपकी Arms के नीचे Lymph Nodes तक पहुंच सकती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
Breast Cancer Symptoms
Breast में 'गांठ' महसूस होना, आमतौर पर ये गांठ दर्द रहित होती हैं।
Nipple से गंदे खून जैसा तरल पदार्थ निकलना
Breast के आकार में परिवर्तन होना
Underarm में गांठ या सूजन आना
Nipples का लाल होना आदि।
हालांकि, ये लक्षण Breast Cancer के अलावा किसी और बीमारी के भी हो सकते हैं। इसलिए इस तरह के संकेत दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और जांच करवाएं।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव
Breast Cancer Prevention
वजन को नियंत्रित कर Breast Cancer से बचा जा सकता है। 30-35 साल की उम्र में महिलाओं को अपने वजन को संतुलित रखना चाहिए।
अधिक शराब या Smoking का सेवन Breast Cancer के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए इनसे परहेज रखें। यदि आप शराब पीने की आदि हैं तो अपनी इस आदत को धीरे धीरे छोड़ना शुरू करें।
Regular Exercise या Physical Activity से भी Breast Cancer को Control किया जा सकता है। कोशिश करें कि दिन में एक समय, यानि कि सुबह या शाम Excersize जरूर करें।
अपने Lifestyle में योग और Meditation को प्राथमिकता दें। योग और Meditation करने से Breast Cancer का खतरा कम होता है।
अपनी डाइट को संतुलित रखें। अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों को शामिल करें। खुद को Hydrate रखने के लिए रोज 8 से 10 ग्लास पानी पीएं।
विभिन्न वैश्विक और स्थानीय दोनों संगठन , जागरूकता अभियानों और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस दौरान एक साथ आते हैं, जो स्तन कैंसर के शीघ्र निदान, इसके उपचार और बीमारी से बचने के लिए लोगों में जागरूकता और जानकारी बढ़ाते हैं।
स्तन कैंसर जागरूकता माह का महत्व
Importance of Breast Cancer Awareness Month
स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को देखते हुए, अक्टूबर 1985 से राष्ट्रीय स्तन कैंसर फाउंडेशन द्वारा स्तन कैंसर जागरूकता माह का संचालन किया जा रहा है। Breast Cancer Advocacy Organizations से लेकर स्थानीय सामुदायिक संगठनों तक विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल समूहों ने बीमारी की जांच और रोकथाम को बढ़ावा देने के माध्यम से जागरूकता फैलाकर स्तन कैंसर की घटनाओं को कम करने के लिए हर साल एकजुट होकर काम किया है। तभी से अक्टूबर माह को गुलाबी माह भी कहा जाता है ।
पिंक रिबन स्तन कैंसर के सामने बहादुरी और भविष्य के लिए नई उम्मीद का प्रतीक है, जो इस बीमारी से लड़ते हैं।
स्तन कैंसर क्या है ?
What is Breast Cancer?
WHO के अनुसार, स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे बड़ा कैंसर है। स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जीनों में बदलाव के कारण Breast Size में बदलाव होने लगता है और यह असमान रूप से बढ़ने लगती है। आम तौर पर, स्तन के दूध में Lobulation कैंसर बनता है, जो Glands से Nipple तक दूध में पहुंचाता है। कुछ मामलों में कैंसर कोशिकाएं आपकी Arms के नीचे Lymph Nodes तक पहुंच सकती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
Breast Cancer Symptoms
Breast में 'गांठ' महसूस होना, आमतौर पर ये गांठ दर्द रहित होती हैं।
Nipple से गंदे खून जैसा तरल पदार्थ निकलना
Breast के आकार में परिवर्तन होना
Underarm में गांठ या सूजन आना
Nipples का लाल होना आदि।
हालांकि, ये लक्षण Breast Cancer के अलावा किसी और बीमारी के भी हो सकते हैं। इसलिए इस तरह के संकेत दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और जांच करवाएं।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव
Breast Cancer Prevention
वजन को नियंत्रित कर Breast Cancer से बचा जा सकता है। 30-35 साल की उम्र में महिलाओं को अपने वजन को संतुलित रखना चाहिए।
अधिक शराब या Smoking का सेवन Breast Cancer के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए इनसे परहेज रखें। यदि आप शराब पीने की आदि हैं तो अपनी इस आदत को धीरे धीरे छोड़ना शुरू करें।
Regular Exercise या Physical Activity से भी Breast Cancer को Control किया जा सकता है। कोशिश करें कि दिन में एक समय, यानि कि सुबह या शाम Excersize जरूर करें।
अपने Lifestyle में योग और Meditation को प्राथमिकता दें। योग और Meditation करने से Breast Cancer का खतरा कम होता है।
अपनी डाइट को संतुलित रखें। अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों को शामिल करें। खुद को Hydrate रखने के लिए रोज 8 से 10 ग्लास पानी पीएं।

मासिक धर्म (पीरियड्स) में होने वाली ऐंठन के लिए घरेलू उपचार
Periods का दर्द, जिसे Dysmenorrhea भी कहा जाता है, महिलाओं में आम है। मासिक धर्म का दर्द अधिकांश महिलाओं को उनके जीवन में कभी न कभी प्रभावित करता है। ये दर्द आमतौर पर पेट में दर्दनाक मांसपेशियों की ऐंठन के रूप में महसूस होता है जो thighs और back तक फैल सकता है। दर्द कभी-कभी तीव्र ऐंठन(cramp) जैसा या हल्का होता है या लगातार थोड़ा - थोड़ा दर्द जैसा महसूस हो सकता है।
पीरियड्स के दर्द का घरेलू इलाज
Home Remedies For Period Pain
मासिक धर्म की ऐंठन, कई महिलाओं के लिए काफी असुविधाजनक हो सकती है। जबकि Ibuprofen या Acetaminophen जैसी दर्द निवारक दवाएं राहत प्रदान कर सकती हैं, अधितकतर महिलाएं मासिक धर्म की ऐंठन (Periods Pain) को कम करने के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार अपनाना पसंद करते हैं। यहां कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं :
1. हीट थेरेपी :
अपने निचले पेट पर heating pad या गर्म पानी की बोतल लगाकर सेक करने से मांसपेशियों को आराम देने और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त राहत के लिए आप गर्म पानी से स्नान भी कर सकते हैं।
2. हर्बल चाय :
अदरक की चाय : अदरक में Anti-Inflammatory गुण होते हैं और यह ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करता है। ताजे अदरक के टुकड़ों को गर्म पानी में डुबाकर एक कप अदरक की चाय बनाकर पियें।
पुदीना चाय : पुदीना चाय Uterine Muscles को आराम देने और ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करती है।
3. स्वस्थ आहार :
पत्तेदार सब्जियां, Nuts और साबुत अनाज जैसे Magnesium युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं। Magnesium, मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
मछली, Flaxseed और अखरोट में पाए जाने वाले Omega-3 Fatty Acids में Anti-Inflammatory गुण होते हैं जो ऐंठन कम करने में मदद करते हैं।
4. हाइड्रेटेड रहें :
खूब पानी पीने से आपके पीरियड्स के दौरान होने वाली सूजन और मांसपेशियों में तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
5. व्यायाम :
योग, पैदल चलना या Cycling जैसे हल्के व्यायाम रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने और ऐंठन को कम करने में मदद करते है। पीरियड्स के दौरान अधित परिश्रम वाले Workout न करें।
6. एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर ट्रीटमेंट :
कुछ महिलाओं को एक्यूप्रेशर या एक्यूपंक्चर उपचार के माध्यम से पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत मिलती है। इसके लिए किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लें।
7. अरोमाथेरेपी :
अरोमाथेरेपी में उपयोग किए जाने Lavender, Chamomile और Clary Sage जैसे आवश्यक तेल आराम और दर्द से राहत प्रदान करने में मदद करते हैं। अपने Daily Use Oil में कुछ बूँदें साथ में घोलकर, इससे अपने पेट पर मालिश करें।
8. Dietary Supplement :
विटामिन B1 (Thiamine) और विटामिन E जैसे Supplement मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं। कोई भी Supplement लेने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।
याद रखें कि हर किसी का शरीर अलग - अलग होता है, और जो उपचार एक व्यक्ति के लिए काम करते हैं, वह दूसरे के लिए उतने प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते हैं। यदि आपके मासिक धर्म के दौरान पेट में ऐंठन गंभीर या लगातार बनी रहती है, तो उचित मूल्यांकन और उपचार योजना के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे आपको आपके अनुरूप सलाह प्रदान कर सकते हैं और यदि आवश्यक हो तो चिकित्सा उपचार या दवाएं Recommend कर सकते हैं।
पीरियड्स के दर्द का घरेलू इलाज
Home Remedies For Period Pain
मासिक धर्म की ऐंठन, कई महिलाओं के लिए काफी असुविधाजनक हो सकती है। जबकि Ibuprofen या Acetaminophen जैसी दर्द निवारक दवाएं राहत प्रदान कर सकती हैं, अधितकतर महिलाएं मासिक धर्म की ऐंठन (Periods Pain) को कम करने के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार अपनाना पसंद करते हैं। यहां कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं :
1. हीट थेरेपी :
अपने निचले पेट पर heating pad या गर्म पानी की बोतल लगाकर सेक करने से मांसपेशियों को आराम देने और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त राहत के लिए आप गर्म पानी से स्नान भी कर सकते हैं।
2. हर्बल चाय :
अदरक की चाय : अदरक में Anti-Inflammatory गुण होते हैं और यह ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करता है। ताजे अदरक के टुकड़ों को गर्म पानी में डुबाकर एक कप अदरक की चाय बनाकर पियें।
पुदीना चाय : पुदीना चाय Uterine Muscles को आराम देने और ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करती है।
3. स्वस्थ आहार :
पत्तेदार सब्जियां, Nuts और साबुत अनाज जैसे Magnesium युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं। Magnesium, मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
मछली, Flaxseed और अखरोट में पाए जाने वाले Omega-3 Fatty Acids में Anti-Inflammatory गुण होते हैं जो ऐंठन कम करने में मदद करते हैं।
4. हाइड्रेटेड रहें :
खूब पानी पीने से आपके पीरियड्स के दौरान होने वाली सूजन और मांसपेशियों में तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
5. व्यायाम :
योग, पैदल चलना या Cycling जैसे हल्के व्यायाम रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने और ऐंठन को कम करने में मदद करते है। पीरियड्स के दौरान अधित परिश्रम वाले Workout न करें।
6. एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर ट्रीटमेंट :
कुछ महिलाओं को एक्यूप्रेशर या एक्यूपंक्चर उपचार के माध्यम से पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत मिलती है। इसके लिए किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लें।
7. अरोमाथेरेपी :
अरोमाथेरेपी में उपयोग किए जाने Lavender, Chamomile और Clary Sage जैसे आवश्यक तेल आराम और दर्द से राहत प्रदान करने में मदद करते हैं। अपने Daily Use Oil में कुछ बूँदें साथ में घोलकर, इससे अपने पेट पर मालिश करें।
8. Dietary Supplement :
विटामिन B1 (Thiamine) और विटामिन E जैसे Supplement मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं। कोई भी Supplement लेने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।
याद रखें कि हर किसी का शरीर अलग - अलग होता है, और जो उपचार एक व्यक्ति के लिए काम करते हैं, वह दूसरे के लिए उतने प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते हैं। यदि आपके मासिक धर्म के दौरान पेट में ऐंठन गंभीर या लगातार बनी रहती है, तो उचित मूल्यांकन और उपचार योजना के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे आपको आपके अनुरूप सलाह प्रदान कर सकते हैं और यदि आवश्यक हो तो चिकित्सा उपचार या दवाएं Recommend कर सकते हैं।

एनीमिया - लक्षण व उपाय
एनीमिया एक चिकित्सीय स्थिति है जो लाल रक्त कोशिकाओं की कमी या रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होती है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन है जो फेफड़ों से शरीर के बाकी हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। एनीमिया के परिणामस्वरूप थकान, कमजोरी, पीली त्वचा और सांस की तकलीफ सहित विभिन्न लक्षण हो सकते हैं ।
खून की कमी के लक्षण
Symptoms Of Anemia
एनीमिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- थकान : थकान एनीमिया के सबसे आम और ध्यान देने योग्य लक्षणों में से एक है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर के ऊतकों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं।
- कमजोरी : एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति अक्सर कमजोरी महसूस करते हैं क्योकि उनमें काम करने के लिए ऊर्जा की कमी होती है।
- पीली त्वचा : रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन में कमी के कारण त्वचा और Mucous Membrane पीलापन आ सकता है।
- चक्कर आना या सिर घूमना : एनीमिया से पीड़ित व्यक्तियों को चक्कर आना या सिर घूमना महसूस होता है, खासकर जब अचनाक खड़े होते हैं।
- सीने में दर्द या एनजाइना : एनीमिया के गंभीर मामलों में हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे सीने में दर्द होता है।
- नाखून और बाल: एनीमिया के कारण नाखून टूटने लगते हैं। तथा बाल पतले और नाजुक होने लगते हैं।
खून की कमी दूर करने के उपाय
Ways to Remove Anemia
आयरन युक्त आहार:
एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है।आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन आपके आयरन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों में रेड मीट, मछली, Beans, दाल और पालक जैसे खाद्य पदार्थ भोजन में शामिल करें।
Iron Supplements :
यदि आपको एनीमिया आयरन की कमी के कारण है, तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपको आयरन की Tablets, Prescribe कर सकता है। उन्हें निर्देशानुसार लें।
Vitamin Supplement :
यदि आपको बी12 या फोलेट जैसे विटामिन की कमी के कारण एनीमिया है, तो आपको डॉक्टर Vitamin Supplement लेने की सिफारिश करेंगे।
Preseription दवाएं :
एनीमिया के प्रकार के आधार पर आपको डॉक्टर लाल रक्त कोशिकाओं के Production को प्रोत्साहित करने के लिए Iron Supplements , Vitamin Supplement या अन्य उपचार जैसी दवाएं Recommand करते है।
अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करें :
यदि आपको एनीमिया के कारण कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति बन रही है, जैसे Gastrointestinal Bleeding, Kidney की बीमारी या सूजन तो आपके Blood Count में सुधार करने के लिए प्राथमिक स्थिति का इलाज करना आवश्यक है।
जीवनशैली में बदलाव:
स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जीवनशैली में बदलाव करें जैसे धूम्रपान छोड़ना, शराब का सेवन न करना और तनाव का प्रबंधन करना।
एनीमिया के कारण और प्रकार के अनुरूप उचित निदान और उपचार योजना के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। पेशेवर मार्गदर्शन के बिना स्व-निदान और उपचार से दिक्क़ते हो सकती हैं। इसलिए यदि आपको रक्त की कमी(एनीमिया) है तो तुरंत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सम्पर्क करें।

हार्ट अटैक से बचने के घरेलू उपा
जब ह्रदय तक Blood, Supply करने वाली Arteries में Blockage हो जाता है तो उस स्थिति में दिल का दौरा(Heart Attack ) पड़ता है। Heart Attack का खतरा मानो बढ़ते ही जा रहा है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी को Heart Disease से खतरा है। हार्ट अटैक Heart की बीमारियों में प्रमुख माना जाता हैं, जो पूरे विश्व मैं तेज़ी से फैल रही है। अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो मृत्यु होने की भी संभावना होती है।
Heart Attack के लक्षण
Symptoms of Heart Attack
हार्ट अटैक का सबसे प्राथमिक लक्षण है सीने में दर्द होना जिसे Angina Pain कहते है। इस दौरान Pressure , Heaviness या Tightness जैसे महसूस होने लगता है। Angina Pain केवल बाएं(left side ) तरफ नहीं होता बल्कि बीच में या दाए तरफ भी होता है। यह दर्द पेट के ऊपर की तरफ जाता है कभी बाए हाथ या कंधे की तरफ जाता है कई बार जबड़े में या दांत में भी दर्द हो सकता है।
यह दर्द अधिक चलने से या परिश्रम करने से बढ़ता है , थोड़ा आराम करने से कम होता है।
सांस लेने में तकलीफ और अत्यधिक पसीना आना।
कुछ लोगो को गैस की समस्याएँ भी होने लगती है।
Studies में ऐसे देखा गया है कि जो लोग गैस होने के बारे में शिकायत करते है उनको वास्तविक में Heart समस्याओं की शिकायत होती है। इसलिए जब ये तकलीफ हो तो आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट अटैक से बचने के घरेलू उपाय
Home remedies to avoid Heart Attack
Heart Attack के खतरे को कम करने के लिए यहाँ कुछ सामान्य घरेलू उपाय दिए गए हैं हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपाय केवल आपके ह्रदय को स्वस्थ और कार्यात्मक बनाने के लिए उपयोगी हैं, यदि आपको Heart Attack या ह्रदय सम्बन्धी कोई दिक्कत या लक्षण दिखाई देते हैं, तो किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। यहां कुछ घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव दिए गए हैं जो आपके Heart Health को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं :
1. स्वस्थ आहार :
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन और Avocado, Nuts और जैतून के तेल में पाए जाने वाले स्वस्थ वसा से भरपूर आहार का सेवन करें।
2. नियमित व्यायाम करें :
प्रतिदिन कम से कम 15 से 20 मिनट तक व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
अपनी दिनचर्या में एरोबिक (जैसे, पैदल चलना, जॉगिंग, तैराकी) गतिविधियों को शामिल करें।
3. अत्यधिक तनाव न लें :
तनाव के स्तर को कम करने के लिए गहरी साँस लेना, ध्यान, योग जैसी तनाव कम करने वाली क्रियाओं का अभ्यास करें, जो हृदय की समस्याओं को दूर करने में महत्वूर्ण योगदान देती हैं।
4. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें :
नियमित रूप से अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल Level की जाँच करें। उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल Heart Attack का प्रमुख कारण बनते हैं।
यदि आपको उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल है तो दवा के लिए डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाओं का सेवन करें।
5. हाइड्रेटेड रहें :
पर्याप्त पानी पीने से समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पिए।
6. Omega-3 Fatty Acids का सेवन करें :
वसायुक्त मछली (जैसे Salmon, Mackerel) और flax seeds में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसे अपने आहार में शामिल करें।
7. हर्बल सप्लीमेंट्स :
लहसुन और नागफनी जैसे कुछ हर्बल सप्लीमेंट हृदय संबंधी कई लाभ प्रदान करते हैं। इनका उपयोग करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।
8. नियमित जांच :
ह्रदय की देखभाल के लिए नियमित रूप से जाँच और Screening के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास जाएँ।
याद रखें कि Genetic और अन्य कारक हृदय रोग के जोखिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए अपने व्यक्तिगत जोखिम कारकों का आकलन करने और हृदय स्वास्थ्य के लिए एक व्यक्तिगत योजना विकसित करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है। वे आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव पर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं साथ ही आपके ह्रदय सम्बन्धी खतरे को कम करने में सहायता करते हैं।
Heart Attack के लक्षण
Symptoms of Heart Attack
हार्ट अटैक का सबसे प्राथमिक लक्षण है सीने में दर्द होना जिसे Angina Pain कहते है। इस दौरान Pressure , Heaviness या Tightness जैसे महसूस होने लगता है। Angina Pain केवल बाएं(left side ) तरफ नहीं होता बल्कि बीच में या दाए तरफ भी होता है। यह दर्द पेट के ऊपर की तरफ जाता है कभी बाए हाथ या कंधे की तरफ जाता है कई बार जबड़े में या दांत में भी दर्द हो सकता है।
यह दर्द अधिक चलने से या परिश्रम करने से बढ़ता है , थोड़ा आराम करने से कम होता है।
सांस लेने में तकलीफ और अत्यधिक पसीना आना।
कुछ लोगो को गैस की समस्याएँ भी होने लगती है।
Studies में ऐसे देखा गया है कि जो लोग गैस होने के बारे में शिकायत करते है उनको वास्तविक में Heart समस्याओं की शिकायत होती है। इसलिए जब ये तकलीफ हो तो आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट अटैक से बचने के घरेलू उपाय
Home remedies to avoid Heart Attack
Heart Attack के खतरे को कम करने के लिए यहाँ कुछ सामान्य घरेलू उपाय दिए गए हैं हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपाय केवल आपके ह्रदय को स्वस्थ और कार्यात्मक बनाने के लिए उपयोगी हैं, यदि आपको Heart Attack या ह्रदय सम्बन्धी कोई दिक्कत या लक्षण दिखाई देते हैं, तो किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। यहां कुछ घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव दिए गए हैं जो आपके Heart Health को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं :
1. स्वस्थ आहार :
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन और Avocado, Nuts और जैतून के तेल में पाए जाने वाले स्वस्थ वसा से भरपूर आहार का सेवन करें।
2. नियमित व्यायाम करें :
प्रतिदिन कम से कम 15 से 20 मिनट तक व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
अपनी दिनचर्या में एरोबिक (जैसे, पैदल चलना, जॉगिंग, तैराकी) गतिविधियों को शामिल करें।
3. अत्यधिक तनाव न लें :
तनाव के स्तर को कम करने के लिए गहरी साँस लेना, ध्यान, योग जैसी तनाव कम करने वाली क्रियाओं का अभ्यास करें, जो हृदय की समस्याओं को दूर करने में महत्वूर्ण योगदान देती हैं।
4. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें :
नियमित रूप से अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल Level की जाँच करें। उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल Heart Attack का प्रमुख कारण बनते हैं।
यदि आपको उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल है तो दवा के लिए डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाओं का सेवन करें।
5. हाइड्रेटेड रहें :
पर्याप्त पानी पीने से समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पिए।
6. Omega-3 Fatty Acids का सेवन करें :
वसायुक्त मछली (जैसे Salmon, Mackerel) और flax seeds में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसे अपने आहार में शामिल करें।
7. हर्बल सप्लीमेंट्स :
लहसुन और नागफनी जैसे कुछ हर्बल सप्लीमेंट हृदय संबंधी कई लाभ प्रदान करते हैं। इनका उपयोग करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।
8. नियमित जांच :
ह्रदय की देखभाल के लिए नियमित रूप से जाँच और Screening के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास जाएँ।
याद रखें कि Genetic और अन्य कारक हृदय रोग के जोखिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए अपने व्यक्तिगत जोखिम कारकों का आकलन करने और हृदय स्वास्थ्य के लिए एक व्यक्तिगत योजना विकसित करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है। वे आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव पर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं साथ ही आपके ह्रदय सम्बन्धी खतरे को कम करने में सहायता करते हैं।