
पाचन समस्याओं के लिए घरेलू उपचार
Digestive problems आपके दैनिक जीवन में Uncomfortable और हानिकारक हो सकती हैं। हालांकि लगातार चल रही पाचन समस्याओं के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, लेकिन कुछ घरेलू उपचार भी हैं जो हल्के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। यहां सामान्य पाचन समस्याओं के लिए कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं:
1. अदरक :
अदरक अपने Anti-Nausea(जी मिचलना) और सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। आप Nausea को कम करने और Digestion में सुधार करने के लिए ताजा अदरक के टुकड़ो को पानी में उबालकर पी सकते हैं या अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबा सकते हैं।
2.पुदीना :
पुदीना Indigestion और Gas से राहत दिलाने में मदद करता है। आप पुदीना का पानी बनाकर पी सकते हैं या पुदीना की पत्तियां चबा सकते हैं। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पुदीना कुछ व्यक्तियों में Heartburn बढ़ा सकता है, इसलिए यदि आपको Acid Reflux(खट्टी डकार)है तो इसका उपयोग सावधानी से करें।
3. कैमोमाइल :
कैमोमाइल Indigestion और पेट की खराबी में मदद करती है। इसमें सूजन-रोधी और पेट में जलन को शांत करने वाले गुण होते हैं।
4. सौंफ के बीज:
भोजन के बाद सौंफ के बीज चबाने से पाचन में मदद मिलती है,साथ ही सूजन और गैस से राहत मिलती है। आप सौंफ के बीजों को गर्म पानी में डुबाकर भी चाय बना सकते हैं।
5. नींबू पानी :
सुबह गर्म नींबू पानी पीने से पाचन क्रिया सुचारु रूप स कार्य करती है और शरीर से Waste Material को बाहर निकालने में मदद मिलती है। नींबू की अम्लता भोजन को तोड़ने में भी सहायता करती है।
6. सेब का सिरका :
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच कच्चा, बिना Filter किया हुआ Apple Cider Vinegar मिलाकर भोजन से पहले पीने से पेट में Acid Production बढ़ाकर Digestion में सुधार होता है।
7. Aloe vera Juice :
Aloe vera Juice पाचन तंत्र में जलन को शांत करता है और Acid Reflux के लक्षणों को कम करता है। भोजन से पहले थोड़ी मात्रा में Aloe vera Juice पियें।
8. Probiotic Foods :
दही, kefir, Sauerkraut और Kimchi जैसे Probiotic युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। Digestion में राहत मिलती है।
9. गर्म पानी :
दिनभर में गर्म पानी पीने से Digestive Muscles को आराम मिलता है और Waste material शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
10. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ :
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सेब, केला, पपीता, संतरा, अमरूद, flax seeds और Oats आदि कब्ज को कम करने में मदद करते हैं और पाचन क्रिया में लाभकारी होते हैं।
11. बेकिंग सोडा :
एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीने से Heartburn और Indigestion से राहत मिलती है। इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करें और ध्यान रखें कि इसे अधिक मात्रा में न लें।
12. सावधानीपूर्वक भोजन करना :
धीरे-धीरे खाना, भोजन को अच्छी तरह से चबाना और आवश्यकता से अधिक खाने से बचना Indigestion से राहत प्रदान करता है। और बेहतर Digestion को बढ़ावा देता है।
याद रखें कि सभी उपचार हर किसी के लिए एक ही तरह से काम नहीं करते। यदि आपको पाचन संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं, तो उचित निदान और उपचार के लिए किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें। इसके अतिरिक्त, यदि आपको कोई Allergy या अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां हैं, तो ये उपचार अपनाने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।

क्षय रोग के लक्षण और निदान के उपाय
क्षय रोग Mycobacterium tuberculosis के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है जो ज्यादातर फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है।
हालांकि इसका इलाज संभव है, मरीज़ों को 6 से 9 महीने तक की लंबी अवधि तक दवा पर रहना पड़ता है। शराब और धूम्रपान के सेवन से टीबी होने का खतरा बढ़ सकता है। दुनिया भर में होने वाली मौतों में क्षय रोग(TB) भी इन कारणों में से एक है, जो ज्यादातर भारत जैसे कई विकासशील देशों को प्रभावित करता है।
क्षय रोग के लक्षण
Symptoms of Tuberculosis
- तीन सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी होना
- बुखार
- रात में अत्यधिक पसीना होना
- वजन घटना
- भूख में कमी
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- खांसी के साथ खून आना
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टीबी से पीड़ित कुछ व्यक्तियों में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते है, खासकर बीमारी के शुरुआती चरणों में। इसे गुप्त टीबी संक्रमण के रूप में जाना जाता है।
क्षय रोग का संचरण
Transmission Of Tuberculosis
यह बीमारी हवा और TB मरीज के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। जब कोई छींकता है, खांसता है, बात करता है या गाता है तो Germs संक्रमित व्यक्तियों से अन्य व्यक्तियों में फैलते हैं।
क्षय रोग निवारण
Tuberculosis Prevention
- टीबी से बचने के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम कम उम्र(New Born to 6Monnth) में BCG(Bacillus Calmette-Guerin) का टीका लगवाए। BCG टिके को बच्चों के जन्म लेते ही TB से बचने के लिए लगवाया जाता है।टीका लगवाने के बावजूद कुछ लोगों को टीबी का संक्रमण हो सकता है।
- संक्रमित व्यक्तियों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
- मास्क का उपयोग महत्वपूर्ण है ताकि संक्रामक छीटे अन्य लोगों में न फैलें या हवा में न फैलें।
यदि आपको कोई भी संबंधित लक्षण है तो हमेशा चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लें।
क्षय रोग का उपचार
treatment of tuberculosis
अन्य Bacterial infections के जैसे टीबी के उपचार में नियमित Antibioticsऔर छोटे उपचार शामिल नहीं होते हैं।
विभिन्न कारकों के आधार पर टीबी का इलाज 6 से 9 महीने तक चलता है।और पुनरावृत्ति (दुबारा न हो ) से बचने के लिए इसे 6 से 9 महीने तक पूरा किया जाना चाहिए।
क्षय रोग के लिए घरेलू देखभाल
Home Care for Tuberculosis
- छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को ढकने के लिए हमेशा रुमाल का प्रयोग करें।
- अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं या Hand Sanitizer का उपयोग करें।
- विटामिन और खनिजों से भरपूर संतुलित आहार लें।
- दिन भर में खूब सारे तरल पदार्थ पियें।
- भरपूर आराम करें,अधिक थकान भरे कार्य न करें।
- अगर आपके लक्षण कम होने लगे या आप बेहतर महसूस करने लगें तब भी डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का पूरा कोर्स करें।

ह्रदय रोग के लक्षण एवं उपचार
हृदय संबंधी रोगों को "हृदय रोग" के नाम से जाना जाता है। Cardiovascular या हृदय रोग शब्द हृदय से संबंधित किसी भी Disorder को दर्शाता है। रोग नियंत्रण केंद्र(Centers for Disease Control) के अनुसार, हृदय रोग पूरी दुनिया में मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। हृदय संबंधी बीमारियाँ आपके हृदय और Cardiovascular System को प्रभावित करती हैं। जो बीमारियाँ आमतौर पर हृदय या हृदय रोगों के अंतर्गत आती हैं उनमें Blood Vessel Diseases, Coronary Artery Disease और Congenital Heart Defects आदि शामिल हैं।ऐसी स्थितियों से Angina (सीने में दर्द या बेचैनी), Heart Attack और भी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
हृदय रोग के लक्षण
Symptoms Of Heart Diseases
हृदय रोग के कुछ लक्षण निम्न हैं:
- छाती में दर्द
- सीने में जकड़न
- साँस लेने में दिक्कत होना
- गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द होना
- अनियमित दिल की धड़कन (धीमी या तेज)
- पैरों या भुजाओं में Numbness(सुन्न पड़ जाना ) होना
- चक्कर आना या बेहोशी
- अत्यधिक थकान होना
ह्रदय रोग के कारण
Causes Of Heart Disease
- High Blood Pressure (Hypertension)
- Cholesterol High होना
- अत्यधिक धूम्रपान करना
- Diabetes
- शरीर में मोटापा बढ़ना
- बढ़ती उम्र के साथ ह्रदय रोग का खतरा बढ़ना(आमतौर पर पुरुषों को 45 वर्ष की आयु के बाद और महिलाओं को 55 वर्ष की आयु के बाद )
- अत्यधिक तनाव लेना
हृदय रोग का उपचार
Heart Disease Treatment
किसी व्यक्ति को होने वाले हृदय रोग और उसकी गंभीरता के आधार पर हृदय रोग का उपचार अलग-अलग हो सकता है। हृदय रोग के इलाज के लिए यहां कुछ सामान्य दृष्टिकोण दिए गए हैं:
1. जीवनशैली में बदलाव :
- स्वस्थ आहार जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन आदि से भरपूर खाद्य पदार्थ लें।
- नियमित शारीरिक गतिविधि हृदय संबंधी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसलिए प्रतिदिन कम से कम 15 से 20 मिनट तक व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
- धूम्रपान या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करना छोड़ दें।
2. दवाइयाँ :
- Statins : ये दवाएं रक्त में cholesterol के स्तर को कम करती हैं, जिससे Heart Attack का खतरा कम हो जाता है।
- Antiplatelet agents : Aspirin या Copidogrelजैसी दवाएं blood clots को रोकने में मदद कर सकती हैं।
- ACE Inhibitors/ARBs : ये दवाएं Blood Vessels को आराम देने और High Blood Pressure को कम करने में मदद करती हैं।
- Diuretics : इनका उपयोग शरीर में तरल पदार्थ के निर्माण को कम करने और High Blood Pressure को कम करने के लिए किया जाता है।
3. समय - समय पर डॉक्टर को दिखाना :
हृदय रोग की निगरानी करने और आवश्यकतानुसार उपचार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से Regular check-ups कराना आवश्यक है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपचार योजनाएं प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्ट स्थिति के अनुरूप बनाई जानी चाहिए। यदि आपको या आपके किसी परिचित को हृदय रोग है या लक्षण है, तो व्यक्तिगत मूल्यांकन और उपचार योजना के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन से हृदय रोग वाले व्यक्तियों के परिणामों में काफी सुधार हो सकता है।

हर्निया क्या होता है - लक्षण, कारण और इलाज
जब पेट का कोई अंदरूनी अंग छेद के माध्यम से बाहर आने लगता है तो उस स्थिति को हर्निया कहा जाता है। इन अंगों में मुख्य रूप से पेट की मांसपेशी, ऊतक और बहुत बार आंत पेट की कमजोर दीवार में छेद करके बाहर आ जाती हैं। ज्यादातर मामलों में यह पेट में देखने को मिलता है, लेकिन यह जांघ के ऊपरी हिस्से, नाभि और कमर के आसपास भी हो सकता है।
हर्निया एक सामान्य बीमारी है जिससे पीड़ित मरीज को चलते, दौड़ते या दैनिक जीवन के दूसरे कामों को करते समय दर्द होता है।अधिकतर मामलों में हर्निया घातक नहीं होते हैं, लेकिन उन्हें इलाज की आवश्यकता होती है।
हर्निया रोग के लक्षण
Symptoms of Hernia Disease
कई मामलों में, हर्निया होने पर केवल सूजन दिखाई पड़ती है जिसमें कोई समस्या नहीं होती है और तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है।
हालांकि, हर्निया असुविधा और दर्द का कारण हो सकता है, खासकर जब आप खड़े होते हैं, शरीर में खिचांव होता है, या भारी सामान उठाते हैं दूसरी समस्याओं की तरह हर्निया के भी कुछ मुख्य लक्षण होते हैं :-
- प्रभावित हिस्सा उभरा हुआ दिखाई पड़ना
- प्रभावित हिस्से को छूने पर हल्का दर्द होना
- शरीर में भारीपन महसूस होना
- देर तक खड़े रहने में परेशानी होना
- मल-मूत्र त्याग करते समय कठिनाई होना
- त्वचा के अंदर कुछ फुला-फुला महसूस करना
- शरीर के किसी हिस्से से चर्बी का बाहर निकलना
हर्निया के कारण क्या हैं?
What are the causes of Hernia?
हर्निया होने का मुख्य कारण मांसपेशियों की कमजोरी और खिंचाव के संयोजन है। हर्निया जल्दी या लंबे समय तक विकसित हो सकता है। मांसपेशियों में कमजोरी या खिंचाव के कुछ निम्नलिखित सामान्य कारण जो हर्निया का कारण बन सकते हैं :-
- एक जन्मजात स्थिति, जो गर्भ में विकास के दौरान होती है और जन्म से मौजूद होती है
- उम्र बढ़ने की स्थिति
- चोट या सर्जरी से कोई नुकसान होने पर
- ज़ोरदार व्यायाम या भारी वजन उठाने की वजह से
- पुरानी खांसी या पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय विकार (chronic obstructive pulmonary disorder)
- कब्ज, जो मल त्याग करते समय आपको तनाव का कारण बनता है
- अधिक वजन होना या मोटापा होना
- जलोदर (Ascites)
हर्निया रोग से नुकसान
Harm from Hernia Disease
हर्निया के कई नुकसान हैं। जब आंत या वसायुक्त चर्बी का टुकड़ा हर्निया की थैली में फंस जाता है तो सूजन पैदा होती है और उत्तक में खून की आपूर्ति बंद हो जाती है। खून की आपूर्ति नहीं होने के कारण Tissue मरने लगते हैं जिसे Strangulated Hernia कहते हैं।
Strangulated Hernia के कारण मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। यही कारण है कि इसमें Emergency Medical Care की आवश्यकता होती है। साथ ही, हर्निया का आकार बड़ा होने पर पेट और खाने की नाली Displace हो सकती है।
हर्निया रोग का परीक्षण
Hernia Disease Test
हर्निया का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं जो इस प्रकार हैं :
- अल्ट्रासाउंड(Ultrasound)
- सिटी स्कैन(City Scan)
- एमआरआई(MRI)
- एंडोस्कोपी(Endoscopy)
- गैस्ट्रोग्राफिन या बेरियम एक्स-रे(Gastrographin or Barium X-Ray)
हर्निया की जांच करके डॉक्टर हर्निया के प्रकार और उसकी गंभीरता की पुष्टि करते हैं। उसके बाद इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
हर्निया के दौरान क्या खाना चाहिए ?
What to eat during Hernia?
- हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार और ताज़े फल खाए
- तरल पदार्थ का सेवन करें।
- दिन में चार से पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाए।
- केला, सेब, नाशपाती और खरबूजे जैसे फलों का अत्यधिक सेवन करें।
- दिनभर में खूब सारा पानी पिए क्योंकि डिहाइड्रेशन की समस्या हर्निया के दर्द को बढ़ा सकती है।
हर्निया रोग का इलाज
Treatment of Hernia Disease
कुछ मामलों में हर्निया के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ समय के भीतर यह अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन जब यह अपने आप ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर सर्जरी का चयन करते हैं।
सर्जरी ही हर्निया का एकमात्र इलाज है। जीवनशैली में बदलाव या दवाओं की मदद से हर्निया के लक्षणों को बस कम किया जा सकता है। सर्जरी के दौरान डॉक्टर (Gastroenterologist ) हर्निया को बाहर निकाल देते हैं। हर्निया की सर्जरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें Open surgery और Laparoscopic surgery शामिल हैं।

टाइफाइड बुखार - लक्षण एवं घरेलू उपचार
टाइफाइड बुखार Salmonella Typhi, Bacteria के कारण होने वाली बीमारी है । यह आपकी Small Intestines को प्रभावित करता है यह मुख्य रूप से दूषित भोजन और पानी से फैलता है और तेज बुखार, पेट दर्द और अन्य लक्षणों का कारण बनता है। यदि इसका इलाज समय पर नहीं किया गया, तो यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। टाइफाइड बुखार को आंत्र ज्वर(Enteric Fever) भी कहा जाता है।
टाइफाइड बुखार के लक्षण :
Symptoms of Typhoid Fever :
- तेज बुखार (103º - 104ºF)
- सिरदर्द
- पेट दर्द
- दस्त या कब्ज होना
- भूख न लगना, वजन कम होना
- अत्यधिक कमजोरी या थकान होना
- कुछ लोगों में गुलाबी धब्बों के साथ दाने भी दिखाइ देते हैं (Chest या पेट में )
टाइफाइड बुखार का इलाज और घरेलू उपाय
Typhoid Fever Treatment and Home Remedies
टाइफ़ाइड बुखार का इलाज एंटीबायोटिक्स दवाओं से किया जाता है।
इसके अतिरिक्त कई घरेलू उपचार भी हैं जो लक्षणों को प्रबंधित करने और आपके ठीक होने में सहायता कर सकते हैं :
Hydrate रहें क्योंकि टाइफाइड बुखार के कारण Dehydration हो सकता है। खूब पानी और हर्बल चाय पियें। नशीले पेय पदार्थों का सेवन न करें।
2. पोषक तत्वों से भरपूर आहार :
आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ खाएं जो आपका पेट आसानी से पचा सके। इनमें सादा चावल, दलिया, उबले आलू, उबले अंडे और दही शामिल हो सकते हैं। मसालेदार और तैलीय भोजन खाने से बचें।
3. अदरक :
अदरक में Anti - Oxident गुण होते हैं और यह पाचन में मदद करता है। आप ताजे अदरक के टुकड़ों को गर्म पानी में डुबाकर या ताजे अदरक के छोटे टुकड़ों को चबाकर या अदरक की चाय बनाकर भी पी सकते हैं।
4. हल्दी :
हल्दी में Antibacterial और Anti-inflammatory गुण होते हैं। Immune System को बढ़ावा देने के लिए गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाएं और अच्छे से घोलकर पियें।
5. शहद :
शहद गले की खराश को दूर करने और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। आप गर्म पानी में शहद मिलाकर पी सकते हैं।
6. स्वच्छता बनाए रखें :
टाइफाइड अत्यधिक संक्रामक है। खाना खाने से पहले व बाद में अच्छी तरह से हाथ धोएं या आप Senetizer का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। और जब तक आप पूरी तरह से ठीक न हो जाएं,तब तक दूसरों के लिए भोजन न बनाएं।
यदि आपको लगता है कि आपको टाइफाइड बुखार है या इसके लक्षण है तो तुरंत Doctor को दिखाए और डॉक्टर द्वारा बताई गयी Antibiotic दवाएं लें। साथ ही भरपूर आराम करें।

निमोनिया - लक्षण, उपचार एवं बचाव के उपाय
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है जो Viruses, Bacteria, Fungi और Parasites के कारण होता है।अक्सर निमोनिया सर्दी, जुखाम के बाद शुरू होता है, इसके लक्षण सर्दी या गले में खराश के 2 या 3 दिन बाद शुरू होते हैं। निमोनिया, किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर Immunity वाले लोगों में ज्यादातर देखने को मिलता है।
यह तब होता है जब Viruses, Bacteria, Fungi और Parasites फेफड़ों में प्रवेश करते हैं और Alveoli नामक वायु थैली में सूजन पैदा करते हैं। इस सूजन के कारण हवा की थैलियां Fluid या Pus से भर सकती हैं, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और सांस लेने में परेशानी होती है।
निमोनिया के लक्षण
Symptoms of Pneumonia
- खांसी, इससे बलगम या कफ पैदा होता है
- बुखार
- पसीना आना और ठंड लगना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- सीने में दर्द होना, जो अक्सर सांस लेने या खांसने से बढ़ जाता है
- थकान और कमजोरी होना
- भूख न लगना
- Heartbeat तेज़ होना
- निमोनिया से पीड़ित कुछ लोगों को Nausea, उल्टी और दस्त भी हो सकता है, लेकिन ये लक्षण छोटे बच्चों में अधिक पाए जाते हैं।
क्या निमोनिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है?
निमोनिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों में फैलता है। यह तब फैलता है जब किसी व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निमोनिया बैक्टीरिया या वायरस हवा में फैल जाते है और फिर अन्य व्यक्तियों द्वारा साँस लिया जाता है। संक्रमित व्यक्तियों से हाथ मिलाने या संक्रमित व्यक्तियों के मुँह, नाक या कान छुने से भी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों में फैल सकता है।
निमोनिया का इलाज
Treatment Of Pneumonia
निमोनिया का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का निमोनिया है, निमोनिया के उपचार में आमतौर पर शामिल हैं:
Antibiotics : यदि निमोनिया Bacteria के कारण होता है, तो संक्रमण से लड़ने में मदद के लिए Antibiotics दवाएं दी जाती हैं।
Antiviral Medication : यदि निमोनिया Virus के कारण होता है, जैसे फ्लू वायरस, तो इसका इलाज Antiviral दवा द्वारा किया जाता है।
Antifungal Medication : यदि निमोनिया एक Fungal Infection के कारण होता है, तो इसका इलाज एंटीफंगल दवाओं द्वारा किया जाता है।
निमोनिया के मरीज को क्या खाना चाहिए?
What should a Pneumonia patient eat?
1. Hydration : Hydrate रहना आवश्यक है, क्योंकि निमोनिया के कारण Dehydration हो सकता है। बलगम को कम करने और अपने गले की खरास को कम करने के लिए गर्म पानी, हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं।
2. पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ : विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो विटामिन, खनिज और Antioxidants, विशेष रूप से विटामिन C , विटामिन A और जिंक से भरपूर हों, जो Immune System को बढ़ावा देते हैं।
3. साबुत अनाज : पाचन स्वास्थ्य के लिए ऊर्जा और फाइबर प्रदान करने के लिए साबुत अनाज, जैसे ब्राउन राइस, Oats और Bread।
4. डेयरी उत्पाद न खाए : Dairy Product बलगम और जमाव को बढ़ा सकते हैं। इनसे परहेज करें।
5. नरम, आसानी से निगलने वाले खाद्य पदार्थ : यदि आपके गले में खराश है या निगलने में कठिनाई है, तो आसानी से निगलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे मसले हुए आलू, दलिया आदि का चयन करें।