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  • 04-Jul-2024
  • By Tej Hospital Solution

Top Meditation Techniques to Reduce Stress

हम में से कई लोग प्रतिदिन तनाव से जूझते हैं। काम, पारिवारिक मुद्दे, स्वास्थ्य सम्बन्धी चिंताएं या कभी आर्थिक समस्याओं को लेकर ऐसी कई चीजें हैं जो आम तौर पर तनाव को बढ़ाती हैं। 

ध्यान तनाव को कम करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करता है। यहाँ कुछ ध्यान तकनीकें दी गई हैं जो आपको, तनाव को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं:

1. Mindfulness Meditation

Technique: अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें और Present State को ध्यान में रखें। बिना किसी निर्णय के अपने विचारों और संवेदनाओं (Sensations) का निरीक्षण करें।

लाभ: जागरूकता बढ़ाता है, तनाव कम करता है और भावनात्मक विनियमन (Motional Regulation) में सुधार करता है।

2. Guided Meditation

Technique: किसी गाइड के साथ, व्यक्तिगत रूप से या ऐप या रिकॉर्डिंग के माध्यम से, जो निर्देश और Visualizations प्रदान करता है, उसका पालन करें।

लाभ: शुरुआती लोगों के लिए आसान, शरीर को विश्राम करने में मदद करता है और मन को केंद्रित करके तनाव कम करता है।

3. Transcendental Meditation (TM)

Technique: आँखें बंद करके आराम से बैठें और चुपचाप कोई एक मंत्र या ओम दोहराएँ।

लाभ: Deep Relaxation और तनाव कम करता है और ध्यान केंद्रित करता है। 

4. Loving-Kindness Meditation (Metta)

Technique: “मैं खुश रहूँ। मैं स्वस्थ रहूँ” जैसे वाक्यांशों को चुपचाप दोहराकर अपने और दूसरों के लिए करुणा (Compassion) और प्रेम की भावनाएँ विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें।

Benefits: Emotional Resilience बढ़ाता है, नकारात्मक भावनाओं (negative emotions) को कम करता है, और सहानुभूति बढ़ाता है।

5. Body Scan Meditation

Technique:  किसी भी संवेदना को नोटिस करते हुए शरीर के विभिन्न हिस्सों पर ध्यान केंद्रित करें, आमतौर पर पैर की उंगलियों से शुरू करके सिर तक।

Benefits :  शारीरिक तनाव को कम करता है, विश्राम को बढ़ावा देता है, और Body Awareness में सुधार करता है।

6. Zen Meditation (Zazen)

Technique: एक विशिष्ट मुद्रा में बैठें, आमतौर पर एक कुशन पर, और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें, कभी-कभी गिनती का उपयोग करते हुए।

Benefits: Mindfulness Develop करता है, तनाव कम करता है, और Focus बढ़ाता है।

7. Yoga Nidra

Technique: लेट जाएँ और एक निर्देशित विश्राम अभ्यास का पालन करें जिसमें शरीर के विभिन्न भागों को व्यवस्थित रूप से आराम देना शामिल है।

Benefits: Deep Relaxation, नींद में सुधार और तनाव को कम करता है।

8. Visualization Meditation

Technique: विश्राम की स्थिति को बढ़ाने के लिए एक शांतिपूर्ण दृश्य या सकारात्मक परिणाम की बहुत विस्तार से कल्पना करें।

Benefits: विश्राम को बढ़ाता है, तनाव को कम करता है और शरीर को सक्रिय बनाता है।

9. Breath Awareness Meditation

Technique: सांस पर ध्यान केंद्रित करें, शरीर के अंदर और बाहर इसके प्राकृतिक प्रवाह (Natural Flow) का निरीक्षण करें।

Benefits: एकाग्रता में सुधार, तनाव को कम करता है और मन को शांत करता है।

Tips for Effective Meditation : 

  • Consistency:  नियमित रूप से अभ्यास करें, भले ही यह हर दिन कुछ मिनटों के लिए ही क्यों न हो।
  • Environment: ध्यान करने के लिए एक शांत और आरामदायक जगह खोजें।
  • Patience: अपने साथ धैर्य रखें; ध्यान कौशल समय के साथ विकसित होते हैं।
  • Guidance: शुरुआत करने और प्रेरणा बनाए रखने में मदद के लिए किसी ऐप का उपयोग करने या कक्षाओं में भाग लेने पर विचार करें।

हम आपकी सहायता किस तरह से कर सकते है?:-

How Can We Help You?:-                  

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  • 04-Jul-2024
  • By Tej Hospital Solution

The Importance of Sleep: Tips for Better Sleep.

शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health), मानसिक तंदुरुस्ती(Mental Well-Being) और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए नींद बहुत जरूरी है। यह शरीर को मरम्मत और तरोताजा करने, Brain Functioning को सहारा देने और Emotional Stability को बढ़ावा देने में मदद करती है। 

नींद के कुछ अन्य स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं:

  • विकास को बढ़ावा देता है
  • हृदय स्वास्थ्य में मदद करता है
  • वजन प्रबंधन का समर्थन करता है
  • कीटाणुओं से लड़ने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में मदद करता है
  • ध्यान अवधि बढ़ाता है
  • स्मरण शक्ति और सीखने की क्षमता को बढ़ाता है

बेहतर आराम/नींद के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. एक Consistent Sleep Schedule निर्धारित करें 

Go To Bed & Wake Up At The Same Time: Holidays पर भी, एक नियमित नींद कार्यक्रम बनाए रखने से आपके शरीर की आंतरिक घड़ी को विनियमित (Regulate) करने में मदद मिलती है।

Limit Naps: दिनभर में एक छोटी Nap लें यह आपको तरोताजा करने में मदद करेगी लेकिन दिन के दौरान लंबी या अनियमित झपकी रात की नींद को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।

2. Set a Comfortable Bedtime

आराम करें: पढ़ने, Soothing Music सुनने या ध्यान का अभ्यास करने जैसी शांत करने वाली गतिविधियों में शामिल हों। 

फोन, लेपटॉप की स्क्रीन से बचें: फोन, टैबलेट और कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन में बाधा डाल सकती है, जो नींद को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है। इसलिए सोते समय फोन से दूरी बनाए रखना आवश्यक है। 

3. अपनी नींद के आस - पास के माहौल को बेहतर बनाएँ

आरामदायक गद्दे और तकिए: सुनिश्चित करें कि आपका बिस्तर सहायक और आरामदायक हो।

अंधेरा, ठंडा और शांत कमरा: बेहतर नींद का माहौल बनाने के लिए जरूरत पड़ने पर ब्लैकआउट पर्दे, इयरप्लग या व्हाइट नॉइज मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं । 

4. Be Mindful Of Your Diet And Exercise

कैफीन और निकोटीन का सेवन सीमित करें : ये उत्तेजक पदार्थ नींद में बाधा डाल सकते हैं, खासकर जब दिन में बाद में इनका सेवन किया जाता है।

सोने से पहले भारी भोजन से बचें: ज्यादा या मसालेदार भोजन से असुविधा और अपच हो सकती है, जिससे नींद में असुविधा हो सकती है।

नियमित शारीरिक गतिविधि: नियमित व्यायाम करने से नींद अच्छी आती है, लेकिन सोने के समय से पहले जोरदार कसरत या अधिक परिश्रम वाली गतिविधियां करने से बचें।

5. Manage Stress and Anxiety

Relaxation Techniques का अभ्यास करें: गहरी साँस लेना, Muscle Relaxationऔर माइंडफुलनेस मेडिटेशन आपके दिमाग को शांत करने में मदद कर सकते हैं।

इन प्रक्रियाओं को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से आपकी नींद की गुणवत्ता और समग्र स्वास्थ्य में काफी सुधार कर सकते हैं। 

इन सुझावों को अपनाने से आपको एक अच्छी और स्वस्थ नींद की आदतें विकसित करने और समय के साथ अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। 


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  • 28-Jun-2024
  • By Tej Hospital Solution

बढ़ती गर्मी से बुखार क्यों होता है ? इन तरीकों से मिल सकती है राहत।

बढ़ती गर्मी हमारी Daily Life में कई परेशानियां पैदा कर रही है। इस बढ़ती गर्मी के दौरान कई शहरों में तापमान 50 डिग्री से ज्यादा पहुंच गया है। तेज गर्मी और गर्म हवाओं के कारण बहुत से लोगों को डीहाइड्रेशन से लेकर उल्टी, सिरदर्द, तेज बुखार, पेट दर्द, डायरिया जैसी बीमारियां होती हैं। जब गर्म हवाएं चलती हैं, तब शरीर में पानी की कमी का खतरा बढ़ जाता है। इससे बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही शरीर में पानी की मात्रा कमी होने के कारण पेट संबंधित समस्यां जैसे कब्ज, अपच, एसिडिटी और अल्सर जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा पानी की कमी के कारण पेशाब का कम होगा, ड्राई स्किन, चक्कर आने जैसी प्रॉब्लम भी हो सकती है। आइए जानते हैं क्यों बढ़ती गर्मी से बुखार होता है ?

क्यों बढ़ती गर्मी से बुखार होता है ? Why does increasing heat cause Fever?
  • धूप से आकर तुरंत पानी या कोल्ड ड्रिंक जैसी ठंडी चीजें पीना।
  • बाहर तपती धुप से आकर सीधे AC वाले कमरे में बैठ जाना।
  • धूप या लू से आने के बाद सीधे हाथ-मुंह धोना और सिर गीला करना।
  • अत्यधिक ठण्डा पानी पीना (ठंडा पानी पीने से आपके शरीर का तापमान अचानक से कम हो सकता है, जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा सेंसिटिव लोगों को ठंडा पानी पीने से बुखार भी हो सकता है)

गर्मी में बुखार से बचने के लिए क्या करें ? What to do to avoid fever in Summer?

गर्मी में बुखार से बचने के लिए, आप ये उपाय अपना सकते हैं:

  • शरीर को हाइड्रेटेड रखें। पानी, सूप  जैसे तरल पदार्थों का खूब सेवन करें।
  • बुखार और पसीने के कारण होने वाले डिहाइड्रेशन से बचने के लिए, घर पर हों या ऑफिस में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। अगर सादा पानी पीने में समस्या हो, तो ORS का सेवन करें।
  • ठंडा वातावरण बनाए रखें। अपने कमरे को अच्छी तरह हवादार रखें और ठंडा तापमान बनाए रखने के लिए पंखे या AC का इस्तेमाल करें।
  • धूप और तेज गर्मी में कहीं आने-जाने से बचें। अगर जाते हैं, तो धूप से आने के तुरंत बाद AC  में बैठने से बचें।
  • हल्के और Breathable कपड़े पहनें।  गर्म, आर्द्र मौसम में बाहर काम करते समय या व्यायाम करते समय Cap और ढीले,  हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।
  • गुनगुने पानी से स्नान करें। इससे शरीर के तापमान को कम करके बुखार के लक्षणों से थोड़ी राहत मिल सकती है।
  • सिर पर ठंडे पानी का कपड़ा लगाएं। 
  • आराम करें। पर्याप्त नींद लें ताकि आपका शरीर ठीक हो सके और संक्रमण से लड़ सके। 

कुछ घरेलू उपाय: Some Home Remedies:

गर्मी में बुखार से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:

1. ठंडे पानी की पट्टियाँ: माथे, गर्दन और कलाई पर ठंडे पानी की पट्टियाँ रखें। इससे शरीर का तापमान कम होता है।

2. तुलसी का काढ़ा: तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और पीएं। यह बुखार को कम करने में मदद करता है।

3. मेथी के बीज: एक चम्मच मेथी के बीज को पानी में भिगोकर रातभर छोड़ दें और सुबह इस पानी को छानकर पीएं।

4. पुदीना चाय: पुदीने की पत्तियों को उबालकर पुदीना चाय बनाएं। यह शरीर को ठंडक पहुंचाती है।

5. नींबू पानी: ताजे नींबू के रस में पानी और थोड़ा सा नमक मिलाकर पिएं। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और तापमान को नियंत्रित करता है।

6. धनिया का पानी: धनिया के बीजों को पानी में उबालकर उसका सेवन करें। यह बुखार को कम करने में सहायक है।

7. ऐप्पल साइडर विनेगर: गुनगुने पानी में ऐप्पल साइडर विनेगर मिलाकर स्नान करें या इसे पानी में मिलाकर पीएं। इससे बुखार में राहत मिलती है।

8. कच्चा प्याज: कच्चे प्याज के स्लाइस को तलवों पर रगड़ें या अपने मोजे में रखकर सोएं। यह शरीर के तापमान को कम करता है।लहसुन: लहसुन की कलियों को चबाएं या लहसुन की चाय बनाकर पीएं। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है और बुखार कम करता है।



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  • 22-May-2024
  • By Tej Hospital Solution

बर्ड फ्लू: लक्षण, कारण और बचाव। क्या यह इंसानों के लिए खतरनाक है?

आइए पहले जानते हैं,

बर्ड फ्लू क्या है ? What is Bird Flu?

बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है। बर्ड फ्लू वायरस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ मनुष्यों और अन्य जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं। यह वायरस आमतौर पर पक्षियों, विशेष रूप से बत्तख और Geese जैसे जंगली जलीय पक्षियों के बीच फैलता है, लेकिन यह मुर्गियों और टर्की जैसे घरेलू मुर्गों में भी फैल सकता है।

इंसानों में, बर्ड फ़्लू कई प्रकार के लक्षण पैदा कर सकता है, हल्की बीमारी से लेकर गंभीर श्वसन संकट और यहाँ तक कि मृत्यु तक। बीमारी की गंभीरता वायरस के विशिष्ट प्रकार और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है। बर्ड फ्लू वायरस से मानव संक्रमण, संक्रमित पक्षियों या उनकी बूंदों के सीधे संपर्क के साथ-साथ दूषित सतहों या वातावरण के संपर्क के माध्यम से हो सकता है।

बर्ड फ्लू के वायरस आम तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। हालांकि, जो लोग संक्रमित पक्षियों के बहुत करीब संपर्क में आते हैं, उन्हें बर्ड फ्लू हो सकता है। कच्चे अंडे या अनुचित तरीके से पकाए गए भोजन के सेवन से भी यह बीमारी फैल सकती है। बर्ड फ्लू का वायरस बहुत संवेदनशील (Sensitive) होता है और खाना पकाने के तापमान में मर जाता है। 

बर्ड फ्लू के क्या कारण हैं? What are the Causes of Bird Flu?

बर्ड फ्लू के कई रूप हैं, लेकिन H5N1 पहला एवियन इन्फ्लूएंजा  वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है।  यह वायरस स्वाभाविक रूप से जंगली जलपक्षियों में होता है, लेकिन आसानी से घरेलू पोल्ट्री में फैल सकता है। संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, और मुंह या आंखों के स्राव के संपर्क में आने से यह रोग सीधे इंसानों में फैलता है। 

इंसानों में यह वायरस कैसे फैल सकता है? How can this Virus Spread Among Humans?

हवा में वायरस के मौजूद होने पर ये वायरस सांस लेने से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसके आलावा आँख, नाक या मुँह के जरिये भी यह वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है। 

अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित जगह को छूता है तो उससे भी वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। 

World Health Organization (WHO) के मुताबिक 1997 में किसी व्यक्ति के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का मामला सामने आया था। ये मामला हांगकांग में सबसे पहले सामने आया। 2003 के बाद से अब तक एशिया, यूरोप और अफ्रीका में बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के मामले सामने आए रहे हैं। 

बर्ड फ्लू के लक्षण Symptoms of Bird Flu

बर्ड फ्लू, इन्फ्लूएंजा टाइप A वायरस के कारण होता है। यह वायरस पक्षियों की आंत में प्रवेश करता है और उनके मल के जरिए फैलता है। संक्रमित पक्षी में दिखने वाले लक्षण ये हैं: दस्त, सांस लेने में तकलीफ, मौत । 

किसी व्यक्ति में दिखाई देने वाले लक्षण :

किसी भी व्यक्ति में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के लक्षण वायरस के प्रकार और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • बुखार 
  • खांसी
  • गले में खराश
  • मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • दस्त
  • बहती या बंद नाक
  • सिरदर्द
  • थकान

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बर्ड फ्लू से संक्रमित हर व्यक्ति को इन सभी लक्षणों का अनुभव नहीं होगा, और कुछ व्यक्तियों में केवल हल्के लक्षण हो सकते हैं या लक्षण रहित हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, बर्ड फ्लू निमोनिया, Acute Respiratory Distress Syndrome (ARDS) (खून में ऑक्सीजन की कमी ), Organ Fail और यहां तक ​​कि मृत्यु जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।

क्या चिकन या अंडे खाने से फैल सकता है बर्ड फ्लू? Can Bird Flu Spread by Eating Chicken or Egg?

किसी भी स्थान पर अगर बर्ड फ्लू फैलता है तो उस स्थान में या उसके आस-पास के स्थानों में मांस और अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी जाती है। 

लेकिन अगर चिकन और अंडे को अच्छी तरह से पकाकर खाया जाए, तो बर्ड फ़्लू फैलने का खतरा नहीं होता।  हालांकि, इन चीजों को सही तरह से साफ कर लेना चाहिए और अच्छी तरह से पकाने के बाद ही खाना चाहिए। 
अगर अंडे का जर्दी और इसका सफेद हिस्सा ठोस होकर पक न जाए, तब तक इसे नहीं खाना चाहिए। ऐसा करके खाने से संक्रमण का जोखिम कम होता है ऐसा इसलिए क्योंकि High Temperature पर पकाए जाने से वायरस नष्ट हो जाएगा। वहीं, कच्चे या अधपके अंडे का सेवन समस्या पैदा बन सकता है, क्योंकि वायरस कच्चे अंडे की जर्दी के भीतर जीवित रहने में सक्षम हो सकता है। 

बर्ड फ्लू से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? What Precautions Should be Taken to Avoid Bird Flu?

- पक्षियों के साथ सीधे संपर्क से बचें।  विशेष रूप से उन पक्षियों से जो बीमार लगते हैं या मृत पाए जाते हैं। उचित सुरक्षा के बिना पक्षियों, उनके मल, पंखों या घोंसलों को छूने या संभालने से बचें। 

- अंडे या मांस खाने से पहले इसे अच्छी तरह से पकाकर खाएं।  165°F (74°C) से ऊपर के तापमान पर खाना पकाने से वायरस मर जाता है।

- बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर मुर्गीपालन, अंडे संभालने के बाद, या खेतों या बाजारों में जाने के बाद जहां पक्षी मौजूद हैं। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।

- यदि आप पोल्ट्री के साथ या उन क्षेत्रों में काम करते हैं जहां बर्ड फ्लू फैला हुआ है, तो जोखिम को कम करने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े, दस्ताने, मास्क और चश्मा पहनें।

- रहने और खाना पकाने के क्षेत्रों में सफाई बनाए रखें, खासकर यदि आप पक्षियों को पालतू जानवर के रूप में घर पर रखते हैं। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पिंजरों, भोजन क्षेत्रों और पानी के कंटेनरों को नियमित रूप से साफ करें।

- बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द और सांस लेने में कठिनाई जैसे फ्लू जैसे लक्षणों से सावधान रहें। यदि आपमें लक्षण विकसित हों तो चिकित्सकीय सहायता लें, खासकर यदि आप हाल ही में पक्षियों या पक्षी उत्पादों के संपर्क में आए हों।

- यदि आप बीमार या मृत पक्षियों, विशेष रूप से जंगली पक्षियों को देखते हैं, तो वायरस के प्रसार की निगरानी और नियंत्रण में मदद करने के लिए स्थानीय अधिकारियों या स्वास्थ्य विभागों को उनकी रिपोर्ट करें। इन्हें सीधे तौर पर संभालने से बचें। 

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  • 08-May-2024
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Covishield से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा कितना है ? आइए जानें।

कोविशील्‍ड वैक्‍सीन (Covishield Vaccine) के Side Effect को लेकर लोग काफी परेशान हैं। दरअसल कोरोना की दवा बनाने वाली ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने ब्रिटिश कोर्ट में ये स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से कुछ मामलों में Side Effects भी सामने आ सकते हैं।  एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना है कि कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है।

एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था, उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है।  ऐसे में भारत में जिन लोगों ने कोविशील्‍ड लगवाई है, वे काफी डरे हुए हैं। कोविशील्‍ड लगवाने वालों में हार्टअटैक और ब्रेन स्‍ट्रोक जैसी तमाम बीमारियों के होने का Risk है। आइए इस बारे में जानते हैं। 

पहले जानते हैं, Thrombosis Thrombocytopenia Syndrome (TTS) क्या है ? (First, let us know, What is Thrombosis Thrombocytopenia Syndrome (TTS).)

TTS वो स्थिति है जिसमें शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है। हालांकि कोविशील्‍ड के मामले में बहुत पैनिक या घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि वैक्‍सीन के बाद TTS की स्थिति बहुत कम मामलों में सामने आई है। अभी तक लगभग वैक्सीन का असर 1 लाख लोगों में से दो पर होने की बात सामने आई है, ऐसे में बात को लेकर घबराने की बजाए हमें अपने शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाना चाहिए। और साथ ही क्‍लॉट बनता किस वजह से है और इससे बचा कैसे जाए क्‍योंकि क्‍लॉट बनने की समस्‍या हमारी कई खराब आदतों की वजह से भी हो सकती है।

Blood Clot बनने का कारण (Cause of Blood Clot)

शरीर में क्‍लॉट बनने की वजह खून का गाढ़ा होना है। यह प्रक्रिया कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि:

  • रक्त वाहिका (Blood Vessels) कट जाना
  • रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में कोई स्पष्ट चोट न होना
  • एस्ट्रोजेन का अत्यधिक सेवन
  • कीमोथेरेपी दवाओं का सेवन
  • उच्च रक्तचाप
  • Diabetes
  • धूम्रपान
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल
  • मोटापा
  • Unhealthy diet

क्‍लॉट की वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्‍ट्रोक, ब्रेन हेमरेज समेत कई तरह की जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए अगर इस समस्‍या से बचाव करना है, तो जरूरी है कि वो तरिके अपनाएं जिनके कारण खून पतला रहे और शरीर में रक्‍त का प्रवाह अच्‍छे से होता रहे।

खून पतला करने के उपाय (Blood Thinning Remedies)

  • सबसे पहले अपनी डाइट में फैट कम करें। 
  • वजन को नियंत्रित करें।
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
  • अगर आप BP के Patient हैं तो नमक का सेवन कम करें।
  • रोजाना शारीरिक गतिविधियों में भाग लें। जैसे : 15 से 20 मिनट पैदल चलें।
  • प्रतिदिन 15 से 20 मिनट योगाभ्यास करें।
  • अत्यधिक Junk Food न खाएं।
  • नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।
  • बीपी, कोलेस्‍ट्रॉल, शुगर, हार्ट या कोई अन्‍य गंभीर बीमारी है, तो समय-समय पर जांच कराते रहें।
  • अत्यधिक तेलीय और मसालेदार खाना न खाएं।
  • हरी सब्जियां और फल आदि को डाइट में शामिल करें।

कुछ घरेलू उपाय : (Some home remedies:) 

हल्दी:

हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक सक्रिय घटक होता है, जिसमें सूजनरोधी और रक्त को पतला करने वाले गुण होते हैं। हल्दी के सेवन से खून के थक्के बनने से रोका जा सकता है। इसे आप गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

लहसुन:

लहसुन अपने एंटी-प्लेटलेट गुणों के कारण रक्त को पतला करने के लिए जाना जाता है। कच्चा लहसुन खाने से हमारा खून पतला होता है। लहसुन में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो खून को पतला करने में सहायक होते हैं।  

खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, कीवी, अंगूर:

खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, कीवी, और अंगूर खून को पतला करने में मदद करते हैं। इन फलों में विटामिन-सी और बायो-फ्लेवोनॉयड्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये दोनों चीजें रक्त कोशिकाओं (Blood Cells) को मजबूत बनाती हैं, जिससे खून का Flow नियमित रूप से बना रहता है। साथ ही, ये खून में थक्के नहीं जमने देते। 

गुड़: 

गुड़ खून को पतला करने में मदद करता है। आयुर्वेद के मुताबिक, गुड़ खाने से खून पतला होता है, कोलेस्ट्रॉल कम होता है, और शरीर में गर्मी बढ़ती है। गुड़ और लहसुन की चटनी खाने से भी खून पतला होता है। यह दिन रखें गर्मियों के दौरान गुड़ का सेवन कम मात्रा में करें। 

केयेन मिर्च: 

केयेन मिर्च खून को पतला करने में मदद करती है। यह खून को पतला करने के साथ-साथ खून के दबाव को सामान्य रखकर खून के संचार को नियमित भी करती है।  केयेन मिर्च को खाने में सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है । 

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  • 17-Apr-2024
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गर्मियों में गन्ने का जूस पीना क्यों फायदेमंद है ?

गर्मियों के दौरान अधिकतर लोगों को ठंडी चीजें खाना या पीना अच्छा लगता है। ऐसे में अधिकतर लोग Cold Drink या Ice Cream खाना बेहद पसंद करते हैं। लकिन इसके बजाय आप गन्ने का जूस का सेवन कर सकते हैं। यह सिर्फ प्यास को बुझाने के साथ- साथ शरीर को स्वस्थ रखने का भी काम करता है। गन्ने के जूस में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें पोटैशियम, फ़ॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, और सी, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। गन्ने का जूस गर्मियों के लिए Healthy Drink माना जाता है। यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है, Dehydration से बचाता है। इसके आलावा गन्ने का जूस कई तरह के स्वास्थ्य लाभ पहुँचाता है। आइए जानते हैं गन्ने के रस के फायदे के बारे में। 

गर्मियों में गन्ने का जूस पीने के फायदे : Benefits of drinking Sugarcane Juice in Summer:

1. शरीर को Hydrate रखता है:

गन्ने का जूस शरीर को हाइड्रेट करता है। इसमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स और पोटैशियम की वजह से यह शरीर को हाइड्रेट रखता है। गन्ने का जूस पसीने के जरिए खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स और तरल पदार्थों को फिर से भरने में मदद करता है। 

2. पाचन को बेहतर बनाता है: 

गर्मियों में अक्सर तला-भुना खाने से पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। गन्ने के रस में मौजूद पोटैशियम की मात्रा पेट में पीएच स्तर को संतुलित करती है। साथ ही, यह पाचन रसों के स्राव को बढ़ाने में भी मदद करता है। गन्ने के रस में फाइबर की मात्रा भी अच्छी होती है, जो पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करता है। इससे कब्ज की समस्या भी कम होती है। 

3. Energy Booster का काम करता है :

गर्मियों में गन्ने का रस एनर्जी बूस्टर का काम करता है। गन्ने का रस शरीर को हाइड्रेट करता है और गर्मी के कारण होने वाली थकान को कम करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और खनिज होते हैं, जो Dryness से निपटने में मदद करते हैं। 

4. लिवर के लिए फायदेमंद: 

गन्ने के जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, लिवर को संक्रमित होने से बचाते हैं। यह लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह लिवर के इंफेक्शन को खत्म करता है। साथ ही, लिवर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करता है। 

5. खून की कमी (एनीमिया) को दूर करता है: 

गर्मियों में गन्ने का रस पीने से खून की कमी (एनीमिया) दूर होती है। गन्ने के रस में आयरन होता है, जो शरीर के हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। 

एनीमिया से पीड़ित लोगों को गन्ने का रस पीना चाहिए। 

6. हड्डियों को मजबूत बनाता है:

गन्ने का रस पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। गन्ने के रस में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों की वजह से गन्ने का रस हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, गन्ने का रस पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और तुरंत एनर्जी मिलती है। 

7. पीलिया में फायदेमंद: 

गन्ने के रस को पीलिया का रामबाण इलाज माना जाता है। गन्ने का रस अपने हाइड्रेटिंग गुणों, खोए हुए तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को पूरा करने के कारण पीलिया में फायदेमंद है। गन्ने के रस में विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो लिवर को संक्रमित होने से बचाते हैं। यह बिलीरुबिन के स्तर को नियंत्रण में बनाए रखने में मदद करते हैं। 

8. त्वचा के लिए फायदेमंद:

इसमें विटामिन-सी होता है, जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। इसमें आयरन होता है, जो त्वचा की कोशिकाओं को Repairs करता है। इसमें पोटैशियम होता है, जिससे त्वचा मॉइस्चराइज रहती है और Soft  बनी रहती है। और काले धब्बों को कम करने में मदद करता है।


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