उच्च रक्तचाप का प्रबंधन कैसे करें?
उच्च रक्तचाप (High blood pressure) धमनियों (arteries) के माध्यम से रक्त के प्रवाह (blood flow) पर बढ़ते दबाव (increased pressure) को दर्शाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो किडनी , मस्तिष्क और हृदय को प्रभावित कर सकती है और अन्य बीमारियों को भी जन्म दे सकती है।
रक्तचाप को आम तौर पर दो तरह से मापा जाता है: सिस्टोलिक (दिल की धड़कन के दौरान दबाव) और डायस्टोलिक (धड़कनों के बीच का दबाव)। सामान्य रक्तचाप लगभग 120/80 मिमी Hg होता है। लगातार 130/80 मिमी Hg से ऊपर की रीडिंग को उच्च माना जाता है।
उच्च रक्तचाप के कारण क्या हैं?
What are the causes of High Blood pressure?
उच्च रक्तचाप के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- धमनियों का सिकुड़ना।
- समय पर खाना न खाना।
- धूम्रपान रक्तचाप बढ़ाता है, लेकिन रक्तचाप में तत्काल वृद्धि अस्थायी होती है।
- वजन ज़्यादा होना अधिक वजन वाले या मोटे लोगों में रक्तचाप बढ़ने की संभावना अधिक होती है।
- शारीरिक गतिविधि का अभाव(व्यायाम न करना)
- बहुत अधिक मात्रा में नमक का सेवन करना।
- शराब , तम्बाकू जसे नशीले पदार्थों का सेवन करना।
- अत्यधिक तनाव लेना।
उच्च रक्तचाप से स्ट्रोक, दिल का दौरा और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण क्या हैं?
What are the symptoms of High Blood Pressure?
उच्च रक्तचाप, जिसे अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि कभी-कभी यह स्पष्ट लक्षणों के बिना समय के साथ धीरे-धीरे विकसित हो सकता है। यही कारण है कि नियमित रक्तचाप की जाँच करना आवश्यक है। हालाँकि, कुछ मामलों में, उच्च रक्तचाप के लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लगातार और तीव्र सिरदर्द होना (विशेष रूप से सिर के पीछे)।
- दृष्टि संबंधी समस्याएं जैसे धुंधली दृष्टि या स्पष्ट रूप से देखने में कठिनाई।
- सीने में दर्द या जकड़न होना (यह एक गंभीर स्थिति है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा परामर्श से सम्पर्क करें। )
- सांस लेने में कठिनाई होना।
- चक्कर आना।
- अत्यधिक थकान होना।
- नाक से खून आना।(हालांकि यह एक सामान्य लक्षण नहीं है, लेकिन उच्च रक्तचाप वाले कुछ लोगों को बार-बार नाक से रक्त प्रवाह हो सकता है।)
उच्च रक्तचाप का इलाज कैसे किया जा सकता है?
How can high blood pressure be treated?
उच्च रक्तचाप जीवनशैली में बदलाव, दवाओं या दोनों के संयोजन के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
1. आहार: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी से भरपूर हृदय-स्वस्थ आहार अपनाएं।
2. व्यायाम: प्रति दिन कम से कम 15 मिनट तक नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न रहें, जैसे तेज चलना या साइकिल चलाना।
3. तनाव प्रबंधन : रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अपने तनाव के स्तर को कम करें। तनाव के स्तर को कम करने के लिए नियमित रूप से गर्म स्नान , लंबी सैर (long walks), योग और ध्यान (yoga and meditation ) कर सकते हैं।
5.शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें: यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे बंद कर दें ।
6. धूम्रपान करना छोड़ें: धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
यदि जीवनशैली में बदलाव पर्याप्त नहीं हैं, तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से रक्तचाप नियंत्रित करने के लिए बीटा-ब्लॉकर्स, ACE अवरोधक, एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARBs), या कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स जैसी दवाएं लें सकते हैं। दवा का चुनाव व्यक्तिगत कारकों और रक्तचाप रीडिंग पर निर्भर करता है। उपचार की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने और आवश्यकतानुसार योजना को समायोजित करने के लिए नियमित जाँच करवाना आवश्यक है।


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